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Amu परफसर क हद दव दवतओ क उदरण रप पर टपपण क लए जमनत

AMU प्रोफेसर को हिंदू देवी-देवताओं के उदारण रेप पर टिप्पणी के लिए जमानत

प्रोफेसर का विवादित बयान

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के एक प्रोफेसर को हिंदू देवी-देवताओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में अग्रिम जमानत मिल गई है। प्रोफेसर की पहचान डॉ. अली मोहम्मद नकवी के रूप में हुई है।

विवाद का कारण

डॉ. नकवी ने कथित तौर पर अपनी कक्षा में एक असाइनमेंट दिया था जिसमें छात्रों को हिंदू देवी-देवताओं के उदारण रेप के बारे में लिखने के लिए कहा गया था। इस असाइनमेंट ने व्यापक आक्रोश उत्पन्न किया, और हिंदू संगठनों ने प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

प्रतिक्रिया और कानूनी कार्यवाही

विवाद के बाद, AMU प्रशासन ने डॉ. नकवी को निलंबित कर दिया और एक जांच समिति का गठन किया। साथ ही, पुलिस ने प्रोफेसर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295-A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया।

प्रोफेसर ने अग्रिम जमानत के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया। अदालत ने उनकी जमानत याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि इस मामले में गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता नहीं है।

जमानत की शर्तें

जमानत पर रिहा किए जाने के बाद, डॉ. नकवी को कुछ शर्तों का पालन करना होगा, जिनमें शामिल हैं:

*
  • निर्धारित तारीखों पर जांच अधिकारी के सामने पेश होना
  • *
  • बिना अनुमति के जांच के दायरे से बाहर नहीं जाना
  • *
  • अपराध के बारे में किसी भी तरह की जानकारी मीडिया या सोशल मीडिया पर साझा नहीं करना
  • विवाद का महत्व

    यह विवाद भारत में धार्मिक असहिष्णुता और मुक्त भाषण की सीमा पर प्रकाश डालता है। कुछ लोगों का तर्क है कि डॉ. नकवी की टिप्पणियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के तहत संरक्षित किया जाना चाहिए, जबकि अन्य का मानना है कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाकर आपराधिक कृत्य किया है।

    इस मामले का अंततः कैसे निपटान किया जाएगा, यह तो समय ही बताएगा। हालांकि, यह विवाद भारत में धार्मिक सद्भाव और संवेदनशीलता के महत्व को उजागर करता है।

    स्रोत:

    * हिंदुस्तान टाइम्स * इंडिया टुडे * द हिंदू


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